It’s About Immersing Yourself In The Spiritual Ambience Of Ayodha, As Shree Krishna Vatika Offers Residents Rare Opportunity To Experience This Spiritual Peace Every Day, Making It a Truly Unique And Enchanting Place To Call Home.
लखनऊ एयरपोर्ट उत्तरी भारत का एक प्रमुख विमानन प्रवेश द्वार है। यह एयरपोर्ट लखनऊ शहर की सेवा करता है और इसे 2008 में भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक नया नाम दिया गया था। यह एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है जिसके दो परिचालन टर्मिनल (T1 और T2) हैं।
लखनऊ में मेट्रो की रेड लाइन को उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंशी पुलिया तक रेड लाइन की पूर्ण कमर्शियल सेवा मार्च 2019 में शुरू हुई। रेड मेट्रो लाइन में कुल 21 मेट्रो स्टेशन हैं, जिनमें से 17 एलिवेटेड हैं और जिनमें से 4 अंडरग्राउंड हैं।
चारबाग रेलवे स्टेशन देश के सबसे खूबसूरत और बड़े स्टेशनों में से एक है। स्टेशन का आर्किटेक्चर ऐसा है कि ट्रेन की आवाज बाहर नहीं आती। स्टेशन पर ऐतिहासिक तथ्यों को सहेजकर रखा गया है।
लखनऊ गए और गोमती के दीदार न किए तो समझिए आपकी ट्रिप अधूरी है. इसके लिए गोमती रिवर फ्रंट जरूर जाएं. नदी के किनारे-किनारे बड़ा सा मैदान घूमने के लिए मिलता है. शाम को यहां म्यूजिक भी बजता है. साइकिल ट्रैक भी है. इसके अलावा, यहां बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था है |
अंबेडकर पार्क लखनऊ का एक और टूरिस्ट आकर्षण है. यह संविधान निर्माता भारत रत्न भीमराव अंबेडकर की याद में समर्पित है. यहां बीआर अंबेडर की प्रतिमा तो है ही, साथ ही यहां ज्योतिबा फूले, श्री नारायण गुरु, बिरसा मुंडा, साहू जी महाराज और काशीराम जैसे महान व्यक्तियों की प्रतिमाएं भी बनाई गई हैं. पत्थर से बने 40 हाथी यहां सबका ध्यान आकर्षित करते हैं |
यह एतिहासिक इमारत लखनऊ की पहचान है. इस इमामबाड़े का निर्माण आसफ़उद्दौला ने 1784 में करवाया था. ईरानी निर्माण शैली की यह विशाल गुंबदनुमा इमारत देखने और महसूस करने लायक है. इसे मरहूम हुसैन अली की शहादत की याद में बनाया गया है. माना जाता है कि इसे बनाने में उस ज़माने में पांच से दस लाख रुपए की लागत आई थी |
अयोध्या जिसे साकेत और रामनगरी भी कहा जाता है। भारत के उत्तरप्रदेश राज्य में स्थित एक एतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगर है। यह पवित्र सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है और अयोध्या जिले का मुख्यालय है। इतिहास में इसे 'कौशल जनपद' भी कहा जाता था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या में सूर्यवंशी/रघुवंशी/अर्कवंशी राजाओं का राज हुआ करता था, जिसमें भगवान श्री राम ने अवतार लिया
हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। 6 दिसम्बर सन् 1992 को यह विवादित ढांचा गिरा दिया गया और वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया। वर्तमान में यहाँ भव्य राम मन्दिर का निर्माण हो रहा है जो 2024 में दर्शन हेतु खोल दिया जायेगा.।
कनक भवन अयोध्या में राम जन्म भूमि, रामकोट के उत्तर-पूर्व में है। कनक भवन अयोध्या के बेहतरीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह भवन भगवान श्री राम जी से विवाह के तुरंत बाद महारानी कैकेयी जी द्वारा देवी सीता जी को उपहार में दिया गया था। यह देवी सीता और भगवान राम का निजी महल है।.
अयोध्या के मध्य में स्थित, 76 सीढ़ियाँ हनुमानगढ़ी तक जाती हैं जो उत्तर भारत में हनुमान जी के सबसे लोकप्रिय मंदिर परिसरों में से एक हैं। यह एक प्रथा है कि राम मंदिर जाने से पहले सबसे पहले भगवान हनुमान मंदिर के दर्शन करने चाहिए। जब रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे, तो हनुमानजी यहाँ रहने लगे। इसीलिए इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट रखा गया। यहीं से हनुमानजी रामकोट की रक्षा करते थे। मुख्य मंदिर में, पवनसुत माता अंजनी की गोद में बैठते हैं.।
गुप्तार घाट की अपनी अलग ही विशेषता है। यह वह घाट है, जहाँ भगवान श्रीराम ने जलसमाधि ली थी। सरयू नदी के किनारे स्थित गुप्तार घाट पर कई छोटे-छोटे मन्दिरों के साथ यहां का सुन्दर दृश्य मन को मोह लेने वाला है। मुक्ति पाने की इच्छा लेकर इस स्थान पर दर्शनार्थी आते हैं। 19वीं सदी में राजा दर्शन सिंह द्वारा गुप्तार घाट का नवनिर्माण करवाया गया था। इस घाट पर राम जानकी मंदिर, पुराने चरण पादुका मंदिर, नूर सिंह मंदिर और हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है।
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